चीन में H10N3 का पहला मामला, आइए जानें विस्तार से


चीन में बर्डफ्लू के अनेक रूप पाए जाते हैं, इनमें H10N3 वायरस पाया गया है जो की कम रोगजनक व घातक है

 


इंसानों के अंदर बर्ड फ्लू का पहला मामला चीन में सामने आया है।  चीन में बर्ड फ्लू के H10N3 स्ट्रेन से संक्रमित पहले व्यक्ति का मामला सामने आया है।  देश के पूर्वी जियांगसू प्रांत में इस मामले का पता चला है.  यह जानकारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने 01 जून 2021 को दी।


  झेंजियांग शहर के एक 41 वर्षीय व्यक्ति में बर्ड फ्लू का स्ट्रेन पाया गया है।  फिलहाल उसकी हालत स्थिर है।  चीनी अधिकारियों ने कहा कि रोगियों को 28 मई को H10N3 एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस का पता चला  और यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि यह व्यक्ति बर्ड फ्लू के H10N3 स्ट्रेन से कैसे संक्रमित हुआ?  H10N3 के साथ मानव संक्रमण का कोई अन्य मामला पहले विश्व स्तर पर सामने नहीं आया है।


  चीन में बर्ड फ्लू के विभिन्न रूप हैं, जिनमें कभी-कभी मनुष्यों को संक्रमित करने के मामले सामने आते रहते हैं।

Bacteria


  H10N3 बर्ड फ्लू वायरस का एक कम रोगजनक या अपेक्षाकृत कम गंभीर तनाव है और व्यापक प्रसार का जोखिम बहुत कम है।  चीन में एवियन इन्फ्लूएंजा के कई अलग-अलग उपभेद हैं और कुछ लोगों को छिटपुट रूप से संक्रमित करते हैं।


  H5N8 इन्फ्लुएंजा ए वायरस (जिसे बर्ड फ्लू वायरस भी कहा जाता है) का एक उपप्रकार है, जबकि H5N8 केवल मनुष्यों के लिए कम जोखिम प्रस्तुत करता है।  यह जंगली पक्षियों और मुर्गे के लिए अत्यधिक घातक है।


  बर्ड फ्लू फैलाने के लिए कई वायरस जिम्मेदार होते हैं, लेकिन इनमें एच5एन1 को खतरनाक माना जाता है क्योंकि यह वायरस इंसानों में बर्ड फ्लू के वाहक का काम करता है।  इंसानों में बर्ड फ्लू के संक्रमण का पहला मामला साल 1997 में आया था जब हांगकांग में यह वायरस मुर्गियों से एक व्यक्ति में फैला था।  साल 2003 से बर्ड फ्लू का यह वायरस चीन, यूरोप, अफ्रीका समेत एशिया के कई देशों में फैलने लगा।  अब बर्ड फ्लू के H10N3 स्ट्रेन का एक नया मामला सामने आया है।


  बर्ड फ्लू एक खास तरह की सांस की बीमारी है, यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि यह संक्रमित व्यक्ति की जान भी ले सकती है।  इस रोग में गले में खराश, खांसी, निमोनिया, बुखार, मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।


  बर्ड फ्लू से बचने का एक ही उपाय है कि मृत और संक्रमित पक्षियों से दूर रहें और जिन लोगों को यह बीमारी हुई है उनसे दूरी बनाकर रखें।


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